कुछ भी
पत्नी- सुबह ही तो खाए थे।
पति- तो रोटी-सब्जी बना लो।
पत्नी- मुझे तली हुई चीजों से परहेज़ है।
पत्नी- खाने में क्या बनाऊँ?
पति- कुछ भी बना लो, क्या बनाओगी?
पत्नी- जो आप कहें।
पति- दाल-चावल बना लो।पति- कुछ भी बना लो, क्या बनाओगी?
पत्नी- जो आप कहें।
पत्नी- सुबह ही तो खाए थे।
पति- तो रोटी-सब्जी बना लो।
पत्नी- मुझे तली हुई चीजों से परहेज़ है।
पति- तो अंडा-भुर्जी बना लो।
पत्नी- आज बृहस्पतिवार है।
पति: परांठे?

पत्नी- रात को परांठे नहीं खाने चाहिए।
पति- कढ़ी-चावल?पत्नी- दही नहीं है।
पति- इडली-सांबर?पत्नी- समय लगेगा न, पहले बोलना था।
पति- होटल से मंगवा लेते हैं।
पत्नी- रोज़-रोज़ बाहर का खाना ठीक नहीं है।
पति- अच्छा मैगी बना लो।
पत्नी- पेट नहीं भरेगा।
पति- तो फिर क्या बनाओगी?पत्नी- जो आप कहें...
पत्नी- आज बृहस्पतिवार है।
पति: परांठे?

पत्नी- रात को परांठे नहीं खाने चाहिए।
पति- कढ़ी-चावल?पत्नी- दही नहीं है।
पति- इडली-सांबर?पत्नी- समय लगेगा न, पहले बोलना था।
पति- होटल से मंगवा लेते हैं।
पत्नी- रोज़-रोज़ बाहर का खाना ठीक नहीं है।
पति- अच्छा मैगी बना लो।
पत्नी- पेट नहीं भरेगा।
पति- तो फिर क्या बनाओगी?पत्नी- जो आप कहें...
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